किन्नर से प्यार भाग - 5





कहानी -**किन्नर का प्यार **

भाग _ 5

सुनंदा के इस तरह बिना बताए अचानक आ जाने से राहुल सबके सामने अचंभित हो गया ।उसे कुछ समझ में नही आया सबको क्या जवाब दे।सब लोग उसको और सुनंदा को देख रहे थे।
सबकी नजर अपनी तरफ होते देख देख राहुल सकपका गया ।उसे उम्मीद नहीं थी सुनंदा इस तरह अचानक उसके घर आ जायेगी ।
उसने तुरंत अरे सुनंदा तुम इस तरह अचानक ।कुछ बताई भी नही ।
फिर उसने अपने माता पिता की तरफ देखते हुए कहा _ मम्मी ये सुनंदा है ।मेरे कॉलेज की दोस्त है ।ये वकालत की पढ़ाई करना चाहती है।
सुनंदा ने अपना बैग टेबुल पर रखा और उसके माता पिता को बारी बारी से पैर छूकर प्रमाण किया ।
राहुल इतना आश्चर्य से मुझे मत देखो _ मेरी मां ने तुम्हारे लिए क्या क्या भेजा है।उसने अपने बैग से बहुत सारे सूखे नमकीन ,सूखे मेवे, फल और मिठाई दिखाते हुए कहा ।
वहा दिल्ली में तुम्हे पढ़ाई से फुर्सत नही मिलेगी तो नाश्ता कैसे बनाओगे इसलिए ये सब ले आई हूं। तुम्हारा बैग कहा है लाओ मैं सब भर देती हूं।
उसकी मां आश्चर्य से उसे देखती रह गई।
राहुल से कुछ बोला नहीं जा रहा था।
बेटी इतनी परेशान होने की क्या ज़रूरत थी । मैं इसकी मां हूं मैं सब मैं अपने बेटे को जो जरुरत का सामान होता मैं दे देती ।राहुल की मां ने सुनंदा ने कहा ।
आंटी मुझे पता है आपकी तरह हर मां अपने बेटे का ख्याल रखती है लेकिन एक दोस्त होने के नाते मेरा भी कुछ फर्ज है या नही ।बोलिए मैं ये सब लाई तो क्या गलत की । सुनंदा ने उसकी मां से मुस्कुरा कर कहा।
राहुल की मां प्रज्ञा देवी से कुछ कहता न बना।वो तो सुनंदा को खूबसूरती और भोलेपन को देख रही थी ।कितने हक से बोल रही थी।
तभी सुनंदा ने राहुल से पूछा तुम्हारी ट्रेन कितने बजे है।
दोपहर बारह बजे ।राहुल ने छोटा सा जवाब दिया।
अरे अभी नौ बज रहे हैं आंटी रास्ते का कुछ खाना बनाया है या नहीं।चलिए जल्दी रसोई घर में फटाफट कुछ बना देते हैं।बेचारा राहुल रास्ते में भूखा न रह जाए।
उसकी बात सुनकर राहुल के माता पिता और उसके भाई बहन आश्चर्य से उसे देख रहे थे।भाई बहन आपस में खुसर फुसर करने लगे _ लगता है भैया और इसमें जरूर कोई बात है वरना कोई लड़की आकर किसी लड़के की इतनी चिंता क्यों करेगी।
बेटी तुम आराम से बैठो राहुल से बात करो मैं अभी का और रास्ते का नाश्ता बना दूंगी।तुम बैठो मैं तुम्हारे लिए चाय लाती हूं।
नही आंटी मैं आराम से नही बैठूंगी चलिए मैं आपके साथ रसोई घर में आप मुझे समान दिखाइए मैं खाना बहुत अच्छा बनाती हूं।ऐसा की आप अंगुलिया चाटती रहेंगी।चलिए चलिए जल्दी वरना देर हो जायेगी।
प्रज्ञा देवी उसकी भोली बात पर मुस्कुरा दी।नही मानोगी तो आओ चलो ।
फिर राहुल की मां उसे अपनी रसोई घर में ले गई।राहुल चुपचाप अपने सामान को समेटने लगा।तभी उसके भाई बहन लवली और बबलू ने आकर कहा _ क्या बात है भैया आपको तो मम्मी से भी ज्यादा ख्याल रखने वाली मिल गई है।
राहुल ने उन दोनो को डांटते हुए कहा तुम दोनो गलत मत समझो मेरी दोस्त हैं इसलिए मेरी चिंता कर रही है।अब तुम दोनो भागो यहां से मुझे अपना काम करने दो।
ठीक है भईया अगर आपकी दोस्त इतनी कद्रदान है आपकी तो ऐसी कितनी दोस्त है।लवली ने हंसते हुए कहा।
अब तुम लोग मुझसे पीटा जाओगे वर्ना जाओ यहां से।सुनंदा सिर्फ मेरी दोस्त है और कुछ नही। राहुल ने अपनी झेप मिटाते हुए कहा ।
उसके पिता राधिका रमण जी ने जो एक उच्च विद्यालय में हेडमास्टर थे ने कहा _ बेटा मैं स्कूल जा रहा हूं ।तुम अपनी तैयारी करो मैं स्कूल में सबको काम समझाकर और छुट्टी लेकर आता हूं।
ठीक है पापा राहुल ने कहा ।
तभी वहा सुनंदा आ गई शायद उनके जाने की बात सुन चुकी थी ।थोड़ा रुकिए अंकल मैं आपके लिए चाय बिस्कुट लेकर आ रही हूं। चाय पीकर ही जाना ।
अरे बेटी तुम राहुल की दोस्त हो तुम क्यों इतना परेशान हो रही हो ।राहुल के पापा ने कहा ।
कोई परेशान नही हो रही हूं बस आप थोड़ी देर रुके इतना कहकर वो फुर्ती से रसोई घर की ओर चली गई।
राहुल की मां को एक तरफ बैठा कर वो सब सामान पूछकर रैक से निकाल कर ब्रेड को सेंकने लगी ।केतली में चाय चढ़ा दी।
दस मिनट में उसने सबके लिए ब्रेड बटर तैयार कर प्लेट में एप्पल जेम के साथ चाय दे दी।
उसकी फुर्ती और समझ को देखकर सब हैरत में पड़ गए।
राहुल के पापा ने बड़े स्वाद लेकर चाय नाश्ता किया और उसकी तारीफ करते हुए निकल गए।
राहुल की मां और उसके भाई बहन के भी उसके हाथ का बना चाय नाश्ता बहुत पसंद आया।
चाय तो बहुत लाजवाब थी।सबको देने के बाद उसने दो प्लेट तैयार कर एक राहुल को दी और एक खुद लेकर ब्रेड टोस्ट खाते हुए चाय पीने लगी ।
राहुल ने धीरे से कहा तुम यह सब क्यों कर रही हो।सब हम दोनों के बारे में गलत सोचेंगे।
कोई कुछ नही सोचेगा तुम चुपचाप चाय पियो और बोलो क्या क्या पेक करना है ।कही तुम जरीरी सामान भूल गए तो फिर क्या करोगे ।
पहले अपने समान की लिस्ट बनाकर मुझे दो ।मैं पेक करवाने में मदद कर देती हूं।
तुम भी हद करती हो यार एक तो बिना बताए इस तरह अचानक आ गई ।फिर ये सब कर रही हो।
मैने अभी घर में तुम्हारे बारे में कुछ नही बताया था ।सोचा था पढ़ाई पूरी करने के बाद बताऊंगा ।लेकिन सब गुड गोबर कर दिया ।अब सब लोग मुझसे हजार सवाल पूछेंगे।
राहुल ने धीरे से कहा।
तुम बेकार की टेंशन मत लो।मैं आंटी के साथ रसोई घर में जा रही हूं तब तक तुम अपने समान की लिस्ट बनाकर रखो।

शेष अगले भाग _6 में 

लेखक_ श्याम कुंवर भारती
बोकारो,झारखंड



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1 Comments

Mohammed urooj khan

04-Nov-2023 12:36 PM

👍👍👍👍

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